वैसे तो इन रेखाओं के माध्यम से किसी व्यक्ति का पूर्ण भूत, भविष्य और वर्तमान जाना जा सकता है।
4.
क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि कार्य समाप्त हुए बहुत समय बीत चुका है उसे पूर्ण भूत कहते हैं।
5.
क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि कार्य समाप्त हुए बहुत समय बीत चुका है उसे पूर्ण भूत कहते हैं।
6.
पूर्ण भूत-क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि कार्य समाप्त हुए बहुत समय बीत चुका है उसे पूर्ण भूत कहते हैं।
7.
4. पूर्ण भूत-क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि कार्य समाप्त हुए बहुत समय बीत चुका है उसे पूर्ण भूत कहते हैं।
8.
भूतकाल के फिर से छे भेद होते हैं समान्य भूत, आसन्न भूत, पूर्ण भूत, अपूर्ण भूत, संदिग्ध भूत और हेतुमद भूत।
9.
अध्याय 11 4. पूर्ण भूत-क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि कार्य समाप्त हुए बहुत समय बीत चुका है उसे पूर्ण भूत कहते हैं।
10.
यह अपूर्ण रूप में निर्दिष्ट है, और होने वाली अन्य गतिविधियों के बजाय घटना के अंत पर सामयिक ध्यान देते हुए, पूर्ण भूत वाला अर्थ ही इसमें समाहित है.यह कड़े रूप में एक काल नहीं है, और